अल्हड मस्त बेटियाँ
पायल की खनक बेटियां
बेटियाँ जो आँगन में
चिड़ियों सी फुदकती थीं
बेटियां जो सावन में
झूलों पे चहकती थीं
जी हाँ वही बेटियाँ
जिनका बचपन गुज़र चूका है
अब आँगन में झूले नहीं पड़ते
चाँदी की पायल के
घुँघरू नहीं बजते
सुना है वो बेटियाँ
अब बड़ी हो गयीं हैं।
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आपके अनमोल वक़्त के लिए धन्यवाद्
आशा है की आप यूँ ही आपना कीमती वक़्त देते रहेंगे