
पतंग
कलम की डोर थाम
जब कल्पनाएँ उडती हैं
तो शब्दों की हवाएं
उन्हें ऊँचा, और ऊँचा
उठाती हैं
और अंततः
कविताओं के आसमान से
मिलाती हैं
कलम की डोर थाम
जब कल्पनाएँ उडती हैं
तो शब्दों की हवाएं
उन्हें ऊँचा, और ऊँचा
उठाती हैं
और अंततः
कविताओं के आसमान से
मिलाती हैं