June 23, 2016

बेटियाँ

अल्हड मस्त बेटियाँ
पायल की खनक बेटियां
बेटियाँ जो आँगन में
चिड़ियों सी फुदकती थीं
बेटियां जो सावन में
झूलों पे चहकती थीं
जी हाँ वही बेटियाँ
जिनका बचपन गुज़र चूका है
अब आँगन में झूले नहीं पड़ते
चाँदी की पायल के
घुँघरू नहीं बजते
सुना है वो बेटियाँ
अब बड़ी हो गयीं हैं।

No comments:

Post a Comment

आपके अनमोल वक़्त के लिए धन्यवाद्
आशा है की आप यूँ ही आपना कीमती वक़्त देते रहेंगे