September 07, 2011

अधूरे सपने




सुनो,
आज सफाई करते हुए

मुझे कुछ पुराने

सपने मिले

कुछ आधे अधूरे
कुछ अनछुए से कोरे

देखो,
रखे रखे

कितनी धूल

जम गयी है इनमे

आओ,
इस धूल को

झाड पोंछ कर
इन सपनो को

फिर से आँखों में सजाएँ

37 comments:

  1. बहुत ही प्यारे अहसास से बुनी बहुत ही प्यारी पंक्तियाँ.

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  2. शुक्रिया संजय जी

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  3. Purane Samay me bapas jana ek sukhad ahsas hota hai hamesha.

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  4. सपने....आँखों में सजते....आँखों में उजड़ते....सपने....

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  5. सुन्दर ,सुकोमल रचना ...यूँ ही सजाती रहिये ख्वाब आँखों में...

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  6. सपने ही साथ होते है हमेशा से... बहुत अच्छी नज़्म ..

    आपको बधाई !!
    आभार
    विजय
    -----------
    कृपया मेरी नयी कविता " फूल, चाय और बारिश " को पढकर अपनी बहुमूल्य राय दिजियेंगा . लिंक है : http://poemsofvijay.blogspot.com/2011/07/blog-post_22.html

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  7. बहुत ही प्यारा ख्याल्।

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  8. वाह ...बहुत ही बढि़या ...।

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  9. बहुत बहुत खूबसूरत कविता शेफाली...शब्द नहीं हैं मेरे पास तारीफ़ के लिए...too good dear.

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  10. गहरे भाव।
    सुंदर प्रस्‍तुति।
    शुभकामनाएं...........

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  11. बहुत ही खूबसूरत कविता बिलकुल इलाहाबादी रंग बधाई और शुभकामनाएं शेफाली जी

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  12. आप सब का शुक्रिया

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  13. mere bhi sapne kuchh adhure se pade hain kahin aur main unke sath nyay nahi kar pa raha tha ......shayad ab unke liye kuchh kar saku. antarik unmesh ko jagane ke liye shukraguzar rahunga apka.
    dhanyawad.

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  14. बहुत अच्छा प्रयास मेरी बधाई स्वीकार करें|
    आपका मेरे ब्लॉग पर स्वागत है |आज पहली बार आपके ब्लॉग पर आई हूँ |
    आशा

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  15. हौसलाफजाई के लिए आप सब का बहुत बहुत शुक्रिया

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  16. बहुत सुंदर
    आपके ब्लाग पर पहली बार आया हूं, अच्छा लगा। ये जानकर और भी कि आप इलाहाबाद से हैं।

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  17. मन में संकल्प
    दिल में एहसास
    कुछ पाने
    कुछ कर गुजरने का
    विस्वास
    तुम हो विशेष
    यही है तुम्हारी विशेषता
    लगे हर इच्छा जब कहने
    यही तो हैं
    आँखों में सपने

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  18. सपनों का क्या है ..कभी टूटते हैं कभी बिखरते हैं ....लेकिन इन्हें दुबारा सजाने में क्या हर्ज है ....बहुत सुंदर भाव ....शुभकामनायें

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  19. अच्छी सोच है आपकी.
    भावपूर्ण प्रस्तुति के लिए आभार.

    मेरे ब्लॉग पर आईयेगा.

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  20. हाँ यह भी ज़रूरी है.. पुराने छोटे से पर प्यार से सपनों को पूरा करने की ख़ुशी ही कुछ और होगी...

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  21. सपनो को नया करने का आपका प्रयास अच्छा लगा , मगर इनको टूटने से बचन हैं , अच्छी लगी रचना .......

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  22. अच्छी कविता... बहुत सुन्दर...

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  23. सपनों से ही हकीकत को सजाने की प्रेरणा मिलाती है.बहुत सुन्दर.

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  24. बहुत ही कोमल भावनाओं में रची-बसी खूबसूरत रचना के लिए आपको हार्दिक बधाई।

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  25. अच्छी रचना के लिए बधाई
    आशा

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  26. हौसलाफजाई का बहुत बहुत शुक्रिया

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  27. खुबसूरत... क्या बात है...
    सादर...

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  28. नए पोस्ट के तलाश में आपके ब्लॉग पे आया था. कृपया नया पोस्ट शीघ्र प्रकाशित करें


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    मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है
    ड्रैकुला को खून चाहिए, कृपया डोनेट करिये !! - पार्ट 1

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  29. आओ
    इन सपनो को
    फिर से आँखों में सजाएँ ....

    आशावादी सोच को
    सार्थक शब्द दिए हैं आपने ...
    अछा काव्य !

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  30. आपको मेरी तरफ से नवरात्री की ढेरों शुभकामनाएं.. माता सबों को खुश और आबाद रखे..
    जय माता दी..

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  31. feelings very beautifully rendred

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  32. बेहतरीन भाव संयोजन
    सुन्दर अभिव्यक्ति

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आपके अनमोल वक़्त के लिए धन्यवाद्
आशा है की आप यूँ ही आपना कीमती वक़्त देते रहेंगे