
मेरे एक दोस्त ने मुझे आज कहा "शेफाली जी 'तुझसे नाराज़ नहीं जिंदगी,
हैरान हूँ मैं......' इन पंक्तियों को अपने अंदाज़ में पूरा कीजिये"
तो जो लिखा वो आप सब के साथ बाँट रही हूँ
तुझसे नाराज़ नहीं जिंदगी,
हैरान हूँ मैं
तेरी हर जिद्द पे आज
नीलाम हूँ मैं,
तू जो चाहे वही सफ़र हो मेरा
तेरी ही मंजिल के निशान हूँ मैं..............
हैरान हूँ मैं......' इन पंक्तियों को अपने अंदाज़ में पूरा कीजिये"
तो जो लिखा वो आप सब के साथ बाँट रही हूँ
तुझसे नाराज़ नहीं जिंदगी,
हैरान हूँ मैं
तेरी हर जिद्द पे आज
नीलाम हूँ मैं,
तू जो चाहे वही सफ़र हो मेरा
तेरी ही मंजिल के निशान हूँ मैं..............
इतनी चाहत इतनी शिद्दत
ReplyDeleteवैसे आज के समय मे ऐसा अपवाद ही है
आज के दौर मे तो .....
तुझसे नाराज़ नहीं जिंदगी,
हैरान हूँ मैं
तेरे दौलत की चमक से
परेशां हूँ मैं
की तरह की सोच प्रायः पाई जा रही है
इतनी चाहत इतनी शिद्दत
ReplyDeleteवैसे आज के समय मे ऐसा अपवाद ही है
आज के दौर मे तो .....
तुझसे नाराज़ नहीं जिंदगी,
हैरान हूँ मैं
तेरे दौलत की चमक से
परेशां हूँ मैं
की तरह की सोच प्रायः पाई जा रही है
sahi kaha alok ji
ReplyDeleteduniya paisa paisa karti hai :)
aapki har post lajawaab hai....
ReplyDeleteaur
likhne andaz juda....kam shabdon men kafi kuchh kahna ...kamaal hai....
achha laga...
badhai....
@ sangeeta didi
ReplyDeletethanks i'll be waiting
@ kumar
shkriya
bahut khoob
ReplyDelete@ rashmi didi
ReplyDeleteshukriya
बहुत सुन्दर रचना !
ReplyDeleteहार्दिक शुभकामनायें....
kya likhu, apki rachnao par kuchh likhna suraj ko diya dikhane jaisa hai.
ReplyDelete@ शरद सिंह
ReplyDeleteशुक्रिया
@ सुमित जी
इस रचना का श्रेय तो आपको जाता है
वाह! क्या समर्पण का अंदाज है.
ReplyDeleteगीत के बोलों को सुन्दर रूप दिया है आपने.
इस प्रस्तुति के लिए बधाई.
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है.
दिल की गहराईयों को छूने वाली बेहद खूबसूरत उम्दा रचना
ReplyDeleteji bahut achcha aapne apne shabdo ke madham se jindgi ke mane itne saral shabdo main uker diye !
ReplyDeletethank
shukriya :)
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