
काश मुझे दो पंख होते
माँ मैं भी उड़ जाती,
दूर देश से दाना लेकर
साँझ ढले घर आती,
रोशन होती साँझ हमारी
आँगन में जलती बाती,
तेरे चूल्हे पर बनती
माँ और दो गरम चपाती,
माँ अगर ऐसा होता तो
कितना अच्छा होता,
अम्मा काश आँखों का
हर सपना सच्चा होता,
और जो नहीं ये हो सकता
तो बस इतना हो जाता,
मैं तेरे आँगन में
एक बेटा बन कर आती,
काश मुझे दो पंख होते
माँ मैं भी उड़ जाती