
बाबुल तेरी बिटिया यही आस लगाए
अबके बरस बाबुल सावन में लीजो बुलाये
अम्मा के हाथों की रोटियां, गरासी दीजो खिलाये
मुंडेर की नन्ही खटिया पर थपकी दीजो सुलाए
बाबुल बरसों बीत गए तेरी पेंग झुलाए
फिर से मेरा बचपन मुझको दीजो लौटाए
अबकी बरस बाबुल सावन में लीजो बुलाये