रिश्ता
अजीब रिश्ता था उसका मेरा
ना वादा था ना कसम थी कोई
शायद एक रस्म थी हममे
मिलना बिछड़ना बिछड़ कर मिलना
सालों ये सिलसिला चलता रहा हममे
अजीब रिश्ता था उसका मेरा
ना वादा था ना कसम थी कोई
शायद एक रस्म थी हममे
मिलना बिछड़ना बिछड़ कर मिलना
सालों ये सिलसिला चलता रहा हममे
kya baat hai intne senti senti lines
ReplyDelete:)
ReplyDeleteये रिश्ता कुछ कहता है जी टीवी जोरे रिश्तों की डोर
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