August 06, 2011

यादों की थकान


मैं यादों के पन्ने पलट रही थी
हर पन्ने पर एक अलग कहानी
ना जाने कहाँ से पलकों पे
एक कतरा आंसू आ बैठा
तब ये एहसास हुआ
यादें मेरा दम घोंट रही थीं
और अँधेरा छाया था
उसी पल यादों की किताब बंद कर दी
हाँ
पर यादों की थकान
अभी उतरी नहीं