November 28, 2011

बाबुल



बाबुल तेरी बिटिया यही आस लगाए
अबके बरस बाबुल सावन में लीजो बुलाये
अम्मा के हाथों की रोटियां, गरासी दीजो खिलाये
मुंडेर की नन्ही खटिया पर थपकी दीजो सुलाए
बाबुल बरसों बीत गए तेरी पेंग झुलाए
फिर से मेरा बचपन मुझको दीजो लौटाए
अबकी बरस बाबुल सावन में लीजो बुलाये