November 14, 2010

एक तमन्ना




दिया है बहुत कुछ

ज़िन्दगी ने मुझको

सिर्फ तुझको छूने की

एक तमन्ना न पूरी हुई

शायद यही वजह है

कि आज भी मैं

तुझको खुदा की तरह

पूजता हूँ

- शेफाली




1 comment:

  1. Bahut kharab likha hai jo bhi likha hai...
    Adha to samjh me bi ni aaya...

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आपके अनमोल वक़्त के लिए धन्यवाद्
आशा है की आप यूँ ही आपना कीमती वक़्त देते रहेंगे