July 13, 2011





थक कर बैठ गया है वो
रोज़ सपनो के पुर्ज्जे जोड़ता था
शायद कल की उम्मीद में
उसकी आँखों में अब भी चमक बाकी है
थका है वो पर
हरा नहीं है

10 comments:

  1. वाह ..बहुत सुन्दर ..


    कृपया टिप्पणी बॉक्स से वर्ड वेरिफिकेशन हटा लें ...टिप्पणीकर्ता को सरलता होगी ...

    वर्ड वेरिफिकेशन हटाने के लिए
    डैशबोर्ड > सेटिंग्स > कमेंट्स > वर्ड वेरिफिकेशन को नो करें ..सेव करें ..बस हो गया .

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  2. sangeeta didi bahut bahut shukriya

    maine word verification hata diya hai :)

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  3. थका है वो पर
    हारा नहीं है

    जीवन को प्रेरित करने वाली कविता ....आपका आभार

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  4. bahut khubsurat kaha hai....sundar

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आपके अनमोल वक़्त के लिए धन्यवाद्
आशा है की आप यूँ ही आपना कीमती वक़्त देते रहेंगे